मेघनाथ की मृत्यु के बाद पत्नी सुलोचना का क्या हुआ मेघनाथ की मृत्यु के बाद पत्नी सुलोचना का क्या हुआ यह
कथा त्रेतायुग की परम पतिव्रता नारी सुलोचना की है, जो वासुकी नाग की पुत्री और लंका
के राजा रावण के पराक्रमी पुत्र मेघनाथ की पत्नी थीं। लक्ष्मण के साथ हुए भयंकर युद्ध
में मेघनाथ का वध हुआ। युद्ध के बाद उसका कटा हुआ मस्तक भगवान श्रीराम के शिविर में
लाया गया। जब सुलोचना को अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला, तो उसने रावण से मेघनाथ
का शीष लाने की प्रार्थना की, परंतु रावण ने मना कर दिया। उसने कहा कि सुलोचना स्वयं
ही श्रीराम के पास जाकर शीष ले आए, क्योंकि श्रीराम पुरुषोत्तम हैं और उनके पास जाने
में उसे किसी भय की आवश्यकता नहीं है। जब
लक्ष्मण युद्धभूमि में मेघनाथ से युद्ध करने के लिए जा रहे थे, तब श्रीराम ने उनसे
कहा कि वे मेघनाथ का वध अवश्य करेंगे, परंतु एक बात का ध्यान रखें कि मेघनाथ का मस्तक
भूमि पर न गिरे। श्रीराम ने बताया कि मेघनाथ नारी-व्रत का पालक था और उसकी पत्नी परम
पतिव्रता है। ऐसी साध्वी के पति का सिर यदि भूमि पर गिर पड़ा, तो हमारे समस्त प्रयास
व्यर्थ हो जाएंगे। लक्ष्मण ने युद्ध में मेघनाथ का मस्तक काटा, पर उसे पृथ्वी पर नहीं
गिरने…