हे केशव मेरे 100 पुत्र मारे गए और मैं अंधा क्यों हुआ

Deepak Sir
हे केशव मेरे 100 पुत्र मारे गए और मैं अंधा क्यों हुआ
हे केशव मेरे 100 पुत्र मारे गए और मैं अंधा क्यों हुआ हे केशव, मेरे 100 पुत्र मारे गए और मैं अंधा क्यों हुआ? मेरे पूर्व जन्म का क्या पाप है? धृतराष्ट्र अंधे थे, लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि गंधारी को 100 संतानों को जन्म देने का आशीर्वाद है, तो उनका अंधेपन का दुख मिट गया था। धृतराष्ट्र के 100 पुत्र और एक पुत्री हुई। कुरुक्षेत्र में उनके सभी 100 पुत्र मारे गए। एक पिता के लिए इससे अधिक दुखद बात क्या हो सकती है कि उसे अपने 100 पुत्रों का शोक मनाना पड़े। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का जो संदेश दिया था, उसे अर्जुन के अतिरिक्त संजय और धृतराष्ट्र ने भी सुना था। उसमें भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि सब कुछ पूर्व निर्धारित है और सबको अपने पूर्व के कर्मों का दंड भोगना होगा। धृतराष्ट्र को वह बात स्मरण थी। दुर्योधन और दु:शासन मुख्य रूप से पांडवों और द्रौपदी के दोषी थे। उनके मारे जाने को तो धृतराष्ट्र कर्मफल से जोड़ रहे थे, पर शेष पुत्रों की तो कोई भूमिका नहीं थी। वे क्यों मारे गए — यह प्रश्न धृतराष्ट्र को बहुत परेशान करता था। धृतराष्ट्र ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा — "मैं अंधा पैदा हुआ, मेरे 100 पुत्र मारे…