भगवान शिव का सबसे पहला शिवलिंग का रहस्य भगवान
शिव का सबसे पहला शिवलिंग का रहस्य भगवान शिव का सबसे पहला शिवलिंग का रहस्य अत्यंत गूढ़ और
चमत्कारिक है। कहा जाता है कि जहां भगवान शिव का लिंग गिरा, वहीं से शिवलिंग की पूजा
का प्रारंभ हुआ। मित्रों, हिंदू धर्म में लिंग से जुड़ी अनेक मान्यताएं प्रचलित हैं
जो आज भी हमें आश्चर्यचकित करती हैं। इन्हीं में से एक पौराणिक कथा में बताया गया है
कि भगवान शिव का लिंग कटकर पृथ्वी पर गिरा था, और तब से ही शिवलिंग तथा योनि की पूजा
प्रारंभ हुई। माना जाता है कि इसी लिंग रूप में भगवान शिव अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाएं
पूर्ण करते हैं। शिव पुराण और लिंग पुराण में भगवान शिव के लिंग रूप की पूजा
के अनेक उल्लेख मिलते हैं। इन पुराणों में यह भी वर्णित है कि एक श्राप के कारण भगवान
शिव का लिंग कटकर धरती पर गिर गया था। उसी समय से भगवान शिव को लिंग रूप में पूजने
की परंपरा प्रारंभ हुई। कहा जाता है कि शिव का लिंग जहां गिरा, वह स्थान जागेश्वर
धाम कहलाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव जागेश्वर के निकट दंडेश्वर
नामक स्थान पर तपस्या कर रहे थे। इस बीच सप्त ऋषियों की पत्नियां वहां पहुंचीं और शिव
के दिगंबर रूप को द…